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डीप वेन थ्रोम्बोसिस (नसों में खून जमना) क्या है?

जब एक या अधिक गहरी नसों (deep veins) में रक्त के थक्के बनते हैं, तो इस स्थिति को डीप वेन थ्रोम्बोसिस कहा जाता है। यह समस्या ज्यादातर पैरों में होती है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस से पैर में दर्द या सूजन हो सकती है। हालांकि, कभी-कभी लक्षण आने में काफी समय लग जाता है। कई मामलों में यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यदि इस स्थिति का इलाज समय पर नहीं होता है तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यदि आपको अपने पैरों में नीली नसें दिखे या अचानक पैरों में दर्द का अनुभव हो तो तुरंत अपने नजदीक के वैस्कुलर सर्जन से परामर्श करें। नसों में खून के थक्के जमने के दर्द से छुटकारा पाने के लिए थ्रोम्बेक्टोमी, थ्रोम्बोलिसिस इत्यादि जैसे आधुनिक इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है।

Doctor preparing to perform surgery for deep vein thrombosis

नसों में खून जमने का इलाज

निदान

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का निदान करने के लिए डॉक्टर रोगी से उसके लक्षणों के बारे में पूछेगा। इसके बाद डॉक्टर शारीरिक परीक्षण कर सकता है, जिसमें सूजन, कोमलता और रंगहीन त्वचा की जांच की जाती है। कुछ इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जैसे:

  • डी-डिमर ब्लड टेस्ट – डी-डिमर एक प्रकार का प्रोटीन है जो खून के थक्कों से निर्मित होता है। जो लोग गंभीर डीवीटी से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में डी-डिमर का स्तर तेजी से बढ़ता है।
  • डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड – यह एक नॉन-इनवेसिव परीक्षण है जो तस्वीर में रक्त के प्रवाह को दर्शाता है। इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर ट्रांसड्यूसर को प्रभावित क्षेत्र पर धीरे-धीरे घुमाता है और रक्त प्रवाह की तस्वीरें लेता है। रक्त का थक्का बढ़ रहा है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कई अल्ट्रासाउंड परीक्षण कर सकते हैं।
  • वेनोग्राफी – इस टेस्ट के दौरान प्रभावित क्षेत्र की डीप वेन में एक विशेष डाई इंजेक्ट की जाता है। इसके बाद एक्स-रे की मदद से शिराओं की तस्वीर निकाली जाती है और खून के थक्के का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट इनवेसिव है, इसलिए इसे बार-बार नहीं किया जाता है।
  • एमआरआई स्कैन – यदि डॉक्टर को लगता है कि रोगी के पेट में डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या है, तो यह टेस्ट किया जाता है।

उपचार

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का निदान करने के लिए डॉक्टर रोगी से उसके लक्षणों के बारे में पूछेगा। इसके बाद डॉक्टर शारीरिक परीक्षण कर सकता है, जिसमें सूजन, कोमलता और रंगहीन त्वचा की जांच की जाती है। कुछ इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जैसे:

  • डी-डिमर ब्लड टेस्ट – डी-डिमर एक प्रकार का प्रोटीन है जो खून के थक्कों से निर्मित होता है। जो लोग गंभीर डीवीटी से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में डी-डिमर का स्तर तेजी से बढ़ता है।
  • डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड – यह एक नॉन-इनवेसिव परीक्षण है जो तस्वीर में रक्त के प्रवाह को दर्शाता है। इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर ट्रांसड्यूसर को प्रभावित क्षेत्र पर धीरे-धीरे घुमाता है और रक्त प्रवाह की तस्वीरें लेता है। रक्त का थक्का बढ़ रहा है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कई अल्ट्रासाउंड परीक्षण कर सकते हैं।
  • वेनोग्राफी – इस टेस्ट के दौरान प्रभावित क्षेत्र की डीप वेन में एक विशेष डाई इंजेक्ट की जाता है। इसके बाद एक्स-रे की मदद से शिराओं की तस्वीर निकाली जाती है और खून के थक्के का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट इनवेसिव है, इसलिए इसे बार-बार नहीं किया जाता है।
  • एमआरआई स्कैन – यदि डॉक्टर को लगता है कि रोगी के पेट में डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या है, तो यह टेस्ट किया जाता है।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर इलाज के सही विकल्प का चुनाव करता है। इलाज के विकल्पों में शामिल हैं:

  • ब्लड थिनर – डीवीटी का इलाज के लिए ब्लड थिनर दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाएं पहले से बने रक्त के थक्कों को नहीं तोड़ती हैं, बल्कि उन्हें बड़ा होने से रोकती हैं। यह नए ब्लड क्लॉट बनने के खतरे को भी कम कर देती हैं। ब्लड थिनर दवा इंट्रावेंस इंजेक्शन (IV injection) द्वारा, त्वचा में इंजेक्शन के माध्यम से या मौखिक रूप से ली जा सकती है।
  • क्लॉट बस्टर – क्लॉट बस्टर ड्रग्स, जिसे थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर गंभीर डीवीटी की स्थिति में दी जाती हैं। जब सामान्य दवाएं असर नहीं दिखा पाती हैं तब डॉक्टर थ्रोम्बोलाइटिक्स निर्धारित कर सकता है।
  • सर्जिकल थ्रोम्बेक्टोमी – यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें सर्जन प्रभावित रक्त वाहिका में चीरा लगाता है और ब्लड क्लॉट को हटा देता है।
  • इनफेरियर वेना कावा (IVC) फिल्टर – IVC फिल्टर धातु से बना एक छोटा उपकरण है जिसे इनफेरियर वेना कावा (एक प्रकार की नस) के अंदर डाल दिया जाता है। यह फिल्टर ब्लड क्लॉट को फेफड़ों तक पहुँचने से पहले ही रोक लेता है।इस फ़िल्टरिंग प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब ब्लड थिनर लेना रोगी के लिए सुरक्षित नहीं होता है।
  • लेजर ट्रीटमेंट – यह डीप वेन थ्रोम्बोसिस के सबसे अच्छे उपचारों में से एक है। इसमें ब्लड क्लॉट को ठीक करने के लिए उच्च तीव्रता की लेजर बीम का इस्तेमाल होता है। यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है।

Pristyn Care क्यों चुनें?

Delivering Seamless Surgical Experience in India

01.

Pristyn Care कोविड-फ्री है

हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।

02.

सर्जरी के दौरान सहायता

हम हर मरीज को एक केयर बड्डी उपलब्ध कराते हैं जो एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज की प्रक्रिया तक हॉस्पिटल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही, मरीज की जरूरतों का खास ध्यान रखता है।

03.

अच्छी टेक्नोलॉजी के साथ मेडिकल सहायता

सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।

04.

सर्जरी के बाद देखभाल

सर्जरी के बाद फॉलो-अप मीटिंग की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, मरीज को डाइट चार्ट और आफ्टरकेयर टिप्स दी जाती है ताकि उनकी रिकवरी जल्दी हो।

अधिकांश पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या अपने आप ठीक हो सकती है?

कुछ मामलों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस जानलेवा हो सकता है, इसलिए इसे खुद से ठीक होने के लिए छोड़ने के बजाय अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप कोलकाता में अच्छे वैस्कुलर स्पेशलिस्ट से डीवीटी के लिए संपर्क करना चाहते हैं तो हमें फोन कर सकते हैं|

डीप वेन थ्रोम्बोसिस को अनुपचारित छोड़ देने पर क्या होता है?

डीप वेन थ्रोम्बोसिस को अनुपचारित छोड़ देने से या इलाज में देरी करने से पोस्टफ्लेबिटिक सिंड्रोम (Postphlebitic syndrome) और पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary embolism) का खतरा बढ़ जाता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा स्थिति है जिसमें फेफड़े की रक्त वाहिका ब्लॉक हो जाती है।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की सर्जरी की प्रक्रिया कितने समय तक चलती है?

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की सर्जरी की प्रक्रिया का समय प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करता है| आमतौर पर उपचार में 45 मिनट से लेकर 90 मिनट तक का समय लग सकता है|

डीप वेन थ्रोम्बोसिसका सबसे अच्छा और सुरक्षित उपचार क्या है?

थ्रोम्बेक्टोमी और लेजर सर्जरी दो एडवांस ट्रीटमेंट प्रक्रियाएं हैं, जो नवीनतम चिकित्सा तकनीकों की मदद से पूरी की जाती हैं। डीप वेन थ्रोम्बोसिस के पारंपरिक इलाज की तुलना में यह अधिक सुरक्षित और प्रभावी हैं।

क्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस का लेजर उपचार दर्दनाक है?

यह प्रक्रिया एनेस्थीसिया के तहत की जाती है इसलिए रोगी को बिलकुल भी दर्द नहीं होता है।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लेजर ट्रीटमेंट के बाद रोगी कितने दिन में रिकवर हो जाता है?

आमतौर पर सर्जरी के 2 दिन बाद से ही मरीज डेली रूटीन, जैसे- थोडा-बहुत चलना आदि शुरू कर सकता है| हालांकि, पूरी तरह से ठीक होने में 5-6 हफ्ते लग सकते हैं।

मेरा डीवीटी का इलाज चल रहा है, क्या मैं इस दौरान व्यायाम कर सकता हूँ?

एक्सरसाइज करना डीवीटी में फायदेमंद हो सकता है। इससे सूजन और दर्द कम होता है। एक्सरसाइज ब्लड क्लॉट के खतरे को भी कम कर सकती है।

कोलकाता में डीप वेन थ्रोम्बोसिस का सबसे अच्छा डॉक्टर कौन है?

कोलकाता में आप प्रिस्टीन केयर के अनुभवी डॉक्टर से डीवीटी का इलाज करा सकते हैं। हमारे डॉक्टर डीवीटी का इलाज के लिए उन्नत तकनीक और सबसे सुरक्षित तरीके का उपयोग करते हैं।

कोलकाता में डीप वेन थ्रोम्बोसिस का इलाज में कितना खर्च आता है?

कई कारक हैं जो कोलकाता में डीप वेन थ्रोम्बोसिस के इलाज की लागत को प्रभावित करते हैं। जैसे – इलाज का तरीका, एनेस्थीसिया का प्रकार, जांच प्रक्रियाएं, दवा इत्यादि। प्रत्येक रोगी के लिए उपचार की लागत भिन्न हो सकती है। आप एक अनुमानित खर्च जानने के लिए हमें कॉल कर सकते हैं।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की सर्जरी से पहले की तैयारी

  • यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है तो अपने डॉक्टर को बताएं।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवाइयां ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को बताएं।
  • बिना डॉक्टर की अनुमति के, सर्जरी के 2-3 दिन पहले से कोई भी एंटीबायोटिक दवा न लें।
  • सर्जरी के 3-4 दिन पहले से शराब या धूम्रपान के सेवन से बचें।

डीप वेन सर्जरी के बाद तेज रिकवरी के टिप्स

कुछ बातों का ध्यान रखकर आप तेजी से ठीक हो सकते हैं, जैसे:

  • अच्छी नींद लें और जितना हो सके आराम करें।
  • फाइबर, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर डाइट का चयन करें। एक अच्छी डाइट हीलिंग प्रक्रिया में आपकी मदद कर सकती है।
  • उचित मात्रा में पानी का सेवन करें।
  • यदि आप किसी असामान्य लक्षण का अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
  • अगर आप ब्लड थिनर ले रहे हैं, तो ऐसे काम करने से बचें जिससे चोट लग सकती है। कोलकाता में डीप वेन थ्रोम्बोसिस का सबसे अच्छा इलाज कराने के लिए आप हमारी मदद ले सकते हैं। प्रिस्टीन केयर के अनुभवी डॉक्टर कई सालों से डीवीटी का सर्जिकल/नॉन-सर्जिकल उपचार कर रहे हैं। इलाज के लिए हम उन आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं का चयन करते हैं, जो रोगी के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद होती हैं।

एक बेहतरीन उपचार प्रदान करने के अलावा हम एक अच्छा अनुभव प्रदान करने का भी प्रयास करते हैं। आपकी उपचार यात्रा को झंझट मुक्त और आसान बनाने के लिए, हम एक मेडिकल सहायक प्रदान करते हैं जो उपचार के प्रत्येक चरण में आपकी मदद करता है। हम आपको नो कॉस्ट ईएमआई, इंस्टेंट इंश्योरेंस अप्रूवल और फ्री फॉलो-अप जैसी कई अन्य सुविधाएं प्रदान करते हैं। अब नसों के दर्द को अलविदा कहने का समय आ गया है। हमें कॉल करें या अपॉइंटमेंट बुक करें और कोलकाता में सबसे अच्छा डीप वेन थ्रॉम्बोसिस उपचार कराएं।

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