USFDA Approved Procedures
No Cuts. No Wounds. Painless*.
Insurance Paperwork Support
1 Day Procedure
मिसकैरेज एक सहज घटना है, जिसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था के 20 सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु हो जाती है। मिसकैरेज को सहज गर्भपात के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर मिसकैरेज गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान होता है।
चिकित्सा रिपोर्टों से पता चलता है कि लगभग 10 से 15 प्रतिशत (100 में से 10-15 मामले) गर्भधारण करने वाली महिलाएं मिसकैरेज जैसी गंभीर स्थिति का सामना करते हैं।
कुछ अन्य प्रतिष्ठित मीडिया रिपोर्ट भारतीय महिलाओं में मिसकैरेज की व्यापकता को 32% तक बताते हैं। मिसकैरेज में गर्भपात अपने आप हो जाता है, लेकिन पूर्ण निष्कासन सुनिश्चित करने के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण और परामर्श सत्र एक अहम भूमिका निभाते हैं। यदि मिसकैरेज के पश्चात भ्रूण पेट में रह जाता है, तो इसके कारण गंभीर संक्रमण, लगातार मिसकैरेज, स्थायी बांझपन, और मां के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है। कुछ मामलों में मां के स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है।
मिसकैरेज का निदान और इलाज
इलाज के लिए जाने से पहले आपको स्थिति के निदान की आवश्यकता पड़ सकती है। स्थिति की सही पहचान के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ कुछ नैदानिक परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं जैसे –
एक बार नैदानिक परीक्षण से स्थिति की पुष्टि होने के बाद अधूरे गर्भपात को पूरा करने के लिए डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) या सर्जिकल गर्भपात की सलाह देते हैं।
अधूरे गर्भपात का यह इलाज बेहोशी की दवा के प्रभाव में किया जाता है। सर्जिकल गर्भपात के दौरान, स्त्री रोग विशेषज्ञ रोगी के गर्भाशय ग्रीवा को फैलाते हैं और गर्भाशय के अंदर से भ्रूण के ऊतकों को निकाल लेते हैं। प्रक्रिया के दौरान, एक चम्मच के आकार के उपकरण का उपयोग होता है, जिससे बच्चेदानी में से भ्रूण के ऊतक को निकाला जाता है।
Delivering Seamless Surgical Experience in India
हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।
A dedicated Care Coordinator assists you throughout the surgery journey from insurance paperwork, to commute from home to hospital & back and admission-discharge process at the hospital.
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
We offer follow-up consultations and instructions including dietary tips as well as exercises to every patient to ensure they have a smooth recovery to their daily routines.
कई जोखिम कारक आपके मिसकैरेज की संभावना को बढ़ा सकते हैं। उनमें से कुछ को नीचे दिया गया है –
हां, मिसकैरेज जैसी गंभीर स्थिति बार बार उत्पन्न हो सकती है। यदि आप दो या इससे अधिक बार मिसकैरेज से गुजर चुके हैं तो आपको तुरंत ही अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराने की आवश्यकता है।
बार-बार मिसकैरेज के इलाज के लिए दवा, जीवनशैली में बदलाव और समय समय पर गर्भावस्था का परीक्षण एक अहम भूमिका निभाते हैं। लगातार 2-3 मिसकैरेज होने के बाद भी एक महिला फिर से गर्भ धारण कर सकती है, लेकिन उसके मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। एक और मिसकैरेज के जोखिम को कम करने के लिए एक प्रशिक्षित स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर करें।
मिस मिसकैरेज तब होता है जब गर्भ में भ्रूण की मृत्यु हो जाती है, लेकिन मां को रक्त हानि या दर्द जैसे कोई लक्षण नहीं महसूस होते हैं।
मिसकैरेज (Missed miscarriage) के मामले में, सामान्य इलाज के तरीकों में प्रबंधन, चिकित्सा प्रबंधन (दवाओं के माध्यम से गर्भावस्था के ऊतकों को बाहर निकालना), या सर्जिकल गर्भपात (डी एंड सी) शामिल है।
मिसकैरेज के सामान्य लक्षणों में योनि में भारी रक्त हानि और पेट में ऐंठन 4 से 10 दिन तक दिखाई दे सकते हैं। मिसकैरेज का समय हर व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और मिसकैरेज के प्रकार पर निर्भर करता है।
हां, कई चिकित्सा अध्ययन में पाया गया है कि पीसीओएस के कारण बार-बार मिसकैरेज हो सकता है। हालांकि, मिसकैरेज में पीसीओएस का कितना योगदान होता है, इस बात का पता आज तक नहीं चल पाया है।
प्राथमिक लक्षण जो मिसकैरेज का संकेत देते हैं वह आपकी गर्भावस्था के दौरान योनि से खून बहना है। इसके साथ पेट में दर्द और ऐंठन मिसकैरेज की संभावना को प्रबल बनाते हैं।