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उपचार
एसीएल इंजरी की गंभीरता का पता लगाने के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं। साथ ही, लक्षणों से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न पूछते हैं। घुटना सही से काम कर रहा है या नहीं इस बात का पता लगाने के लिए घुटने के पोजीशन को बदलने को कहते हैं। अधिकतर मामलों में एसीएल इंजरी की जांच को केवल शारीरिक परीक्षण के आधार पर भी किया जा सकता है। लेकिन गंभीर चोट लगने पर डॉक्टर एक्स-रे, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव दे सकते हैं। जांच के बाद डॉक्टर सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
एसीएल इंजरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी और दूसरा ओपन एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी है। ओपन सर्जरी एक पारंपरिक प्रक्रिया है जिसके दौरान बड़ा सा चीरा लगता है, ब्लीडिंग होने के खतरा होता है और रिकवरी में लंबा समय लग सकता है। जबकि आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस प्रक्रिया है जिसके दौरान मरीज को दर्द नहीं होता है, ब्लीडिंग का खतरा नहीं होता है और रिकवरी काफी जल्दी हो जाती है। यही कारण है कि आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज माना जाता है।
हमारी क्लिनिक में आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी से एसीएल इंजरी का इलाज किया जाता है। इस सर्जरी को शुरू करने से पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का खतरा खत्म हो जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद, डॉक्टर घुटने में एक छोटा सा कट लगाकर आर्थ्रोस्कोप नामक उपकरण को घुटने के अंदर डालते हैं। आर्थ्रोस्कोप की एक छोर पर कैमरा लगा होता है जिसकी मदद से डॉक्टर कम्प्यूटर स्क्रीन पर लिगामेंट का निरीक्षण करते हैं। उसके बाद, खराब या टूटे लिगामेंट को बाहर निकालकर उसकी जगह पर एक नया लिगामेंट लगा देते हैं।
सर्जरी खत्म होने के बाद, लगाए गए कट को टांकों की मदद से बंद कर दिया जाता है। सर्जरी के 2-4 सप्ताह बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इस सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 4-8 सप्ताह तक का समय लग सकता है।
भारत में सर्वश्रेष्ठ सर्जिकल अनुभव
एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) इंजरी के आधुनिक इलाज के लिए हम विश्व के सबसे सुरक्षित और सर्वश्रेष्ठ तकनीक का प्रयोग करते हैं, जिसमें प्रक्रिया की शुरुआत नैदानिक परीक्षण और परामर्श सत्र के साथ होती है।
प्रिस्टीन केयर में हमारे पास हड्डियों के सर्जन की एक टीम है, जो एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) इंजरी के इलाज के लिए प्रशिक्षित और अनुभव से परिपूर्ण है। वह सभी सर्जन अपनी अच्छी सफलता दर के लिए जाने जाते हैं।
एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) इंजरी के ऑपरेशन से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जांच में रोगी को हर प्रकार की मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारे क्लीनिकों में एसीएल इंजरी का इलाज आधुनिक तकनीक के माध्यम से होता है, जो USFDA के द्वारा प्रमाणित है।
हम एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) इंजरी के बाद सर्जन के साथ निःशुल्क परामर्श का विकल्प भी प्रदान करते हैं, ताकि प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद रोगी जल्द से जल्द अपने दैनिक जीवन में फिर से वापस आ जाए।
एसीएल चोट का इलाज कई तरह से होता है। अगर लिगामेंट में हल्की-फुल्की चोट आई है तो मरहम, पट्टी और दवा से इसका इलाज संभव है। लेकिन अगर लिगामेंट टूट या फट गया है तो सर्जरी आवश्यक है। सर्जरी के दौरान डॉक्टर टूटे लिगामेंट को बाहर निकालकर उसकी जगह पर नया लिगामेंट लगा देते हैं।
यह पूरी तरह से एसीएल इंजरी की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर एसीएल इंजरी माइल्ड है तो दवा, पट्टी, मरहम और कुछ घरेलू नुस्खों से इसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन अगर लिगामेंट में गंभीर चोट आई है या लिगामेंट टूट गया है तो सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज बचता है। साथ ही, जब नॉन सर्जिकल इलाज के सभी तरीके फेल हो जाते हैं तो एसीएल इंजरी का इलाज करने के लिए डॉक्टर सर्जरी का उपयोग करते हैं। इसकी सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी और दूसरा ओपन एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी है। इन दोनों में आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को बेस्ट तरीका माना जाता है। क्योंकि यह एक मॉडर्न और एडवांस प्रक्रिया है।
एसीएल इंजरी की सर्जरी का खर्च काफी चीजों पर निर्भर करता है। एसीएल इंजरी की सर्जरी के खर्च को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:-
सर्जरी का प्रकार,स्थिति की गंभीरता,डॉक्टर का अनुभव,हॉस्पिटल की विश्वसनीयता,सर्जरी से पहले किए जाने वाले जांच,सर्जरी के बाद की दवाएं,सर्जरी के बाद फॉलो-अप्स मीटिंग
अगर आप कम से कम खर्च में आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कराना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारी क्लिनिक में एसीएल इंजरी का बेस्ट और कॉस्ट इफेक्टिव सर्जिकल इलाज किया जाता है।
हमारी क्लिनिक में आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी से एसीएल इंजरी का इलाज किया जाता है। यह एक सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में लगभग आधा घंटा का समय लगता है। सर्जरी खत्म होने के बाद मरीज को एक दिन का हॉस्पिटलाइजेशन करना पड़ सकता है।
इस सर्जरी के 2-4 सप्ताह के बाद से आप अपने दैनिक जीवन के कामों को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हालांकि, सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 4-8 सप्ताह तक का समय लग सकता है। अगर आप बिना किसी तरह की परेशानी का सामना किए कम से कम समय में एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो अभी हमारे अनुभवी और विश्वसनीय हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का चयन कर सकते हैं।
मेडिकल साइंस में प्रगति होने के कारण आज नोएडा जैसे शहर में एसीएल का मॉडर्न और एडवांस इलाज पाना संभव है। एसीएल की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है, लेकिन आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को इसका बेस्ट इलाज माना जाता है। क्योंकि यह एक मॉडर्न और एडवांस प्रक्रिया है जिससे एसीएल इंजरी को कम से कम समय में बहुत ही आसानी से ठीक किया जा सकता है।
अगर आप एसीएल चोट के लक्षण जैसे कि तेज दर्द और सूजन, काम करने में परेशानी, घुटने में सनसनाहट, गति की सीमा का कम होना या पैरों पर भार देने में दर्द आदि से परेशान हैं और नोएडा में इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो एक अनुभवी और कुशल हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का चुनाव कर सकते हैं। इस सर्जरी के दौरान मरीज को छोटा सा चीरा लगता है, दर्द नहीं होता, ब्लीडिंग नहीं होती है, रिकवरी काफी तेजी से होती है, रिजल्ट बेहतर आता है और सर्जरी के दौरान या बाद में जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है। यह एक संक्षिप्त, सुरक्षित, आसान और सफल प्रक्रिया है।