USFDA Approved Procedures
NO Cost EMI Support
Day Care Procedures
High Success Rate
Number of Grafts | Follicular Unit Transplantation (FUT) | Follicular Unit Extraction (FUE) |
---|---|---|
Up to 1,000 | 4-6 hours | 4-5 hours |
1,000 - 2,000 | 5-7 hours | 5-6 hours |
2,000 - 3,000 | 6-8 hours | 6-7 hours |
3,000 - 4,000 | 7-9 hours | 7-8 hours |
4,000 - 5,000 | 8-10 hours | 8-9 hours |
5,000 - 6,000 | 9-11 hours | 9-10 hours |
Treatment
आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांटेशन दो तरह से किया जाता है। हालांकि, मरीज की आवश्यकता और डॉक्टर की जांच के आधार पर प्लास्टिक सर्जन किसी एक माध्यम का चुनाव करते हैं।
फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांट (एफयूटी) फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांट को फॉलिक्युलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी (एफयूएसएस) के नाम भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, सर्जन लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग करके मरीज के सिर के पिछले हिस्से (डोनर साइट) को सुन्न और रिसिपिएंट साइट को स्टेरलाइज करते हैं। उसके बाद, एक ब्लेड की मदद से सर्जन डोनर साइट से त्वचा की एक पैच को निकालकर उस जगह को टांके से बंद कर देते हैं। फिर सर्जन और उनकी टीम सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) की मदद से त्वचा के पैच को छोटे-छोटे फॉलिक्युलर यूनिट में बांट देते हैं। त्वचा के इस पैच को लगभग 2000 से भी अधिक छोटे टुकड़ों में बांटा जा सकता है। इन्ही छोटे टुकड़ों को मेडिकल की भाषा में ग्राफ्ट कहा जाता है। इसी दौरान, सर्जन सुई (Needle) की मदद से रिसिपिएंट साइट में छोटे-छोटे छेद बनाते हैं और फिर तैयार किए गए ग्राफ्ट्स को उन छेदों में लगा देते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को ग्राफ्टिंग कहा जाता है। जब ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया खत्म हो जाती है तो सर्जन उस क्षेत्र में बैंडेज बांध देते हैं।
फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) इस प्रक्रिया के दौरान, सर्जन स्कैल्प से त्वचा के एक पैच को हटाने के बजाय एक विशेष उपकरण की मदद से डोनर साइट में हजारों छोटे-छोटे कट लगाकर हेयर फॉलिकल को निकालते हैं। यह प्रक्रिया एक फुलर और प्राकृतिक हेयरलाइन प्रदान करती है। इस प्रक्रिया में टांकों की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि डोनर साइट से ऊतकों को हटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बाकी की पूरी प्रक्रिया फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन की तरह ही होती है। आमतौर पर इस पूरी प्रक्रिया में 6-8 घंटे का समय लगता है।
भले ही ये दोनों प्रक्रियाएं मरीज को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया देने के बाद की जाती हैं। लेकिन इन सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान मरीज दर्द और ब्लीडिंग अनुभव कर सकते हैं। इन प्रक्रियाओं के खत्म होने के बाद मरीज दर्द भरे लक्षणों को भी अनुभव कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इन दोनों ही प्रक्रियाओं के बाद इंफेक्शन होने का खतरा भी अधिक रहता है। क्योंकि फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन – दोनों ही प्रक्रियाओं के दौरान मरीज के सिर में ढेरों छोटे-छोटे- कट यानी चीरे लगाए जाते हैं। इन सबके अलावा, इनके रिजल्ट में भी काफी लंबा समय लगता है। आमतौर पर फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन या फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन के रिजल्ट में लगभग 7-8 महीने तक का समय लगता है।
डायरेक्ट हेयर इम्प्लांट (डीएचआई) डायरेक्ट हेयर इम्प्लांट एक प्रकार का फॉलिक्युलर हेयर एक्सट्रैक्शन है। फॉलिक्युलर हेयर एक्सट्रैक्शन के दौरान ग्राफ्ट लगाने के लिए सर्जन स्कैल्प में ढेरों कट और टांके लगाते हैं। लेकिन डायरेक्ट हेयर इम्प्लांट एक मॉडर्न और एडवांस माध्यम है जिसके दौरान ग्राफ्ट लगाते समय कट या टांके नहीं लगाए जाते हैं। डीएचआई के दौरान, सर्जन डोनर साइट को ट्रिम कर सकते हैं, जो सिर के पीछे होता है। उसके बाद सर्जन स्कैल्प में लोकल एनेस्थीसिया देते हैं जिसके कारण सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द नहीं होता है। फिर सर्जन चोई नामक उपकरण के इस्तेमाल से डोनर साइट से फॉलिकल लेते हैं। फॉलिकल को बाहर निकालने के बाद, उन्हें एक प्रयोगशाला में ग्राफ्ट में संसाधित किया जाता है, जिन्हे बाद में रिसिपिएंट साइट में एक डीएचआई इम्प्लांटर की मदद से इम्प्लांट किया जाता है। रिसिपिएंट साइट में ग्राफ्ट लगाने के लिए इस पूरी प्रक्रिया में छेद की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आमतौर पर डीएचआई की पूरी प्रक्रिया में लगभग 6-8 घंटे का समय लगता है जिसे छोटे-छोटे सेशंस में विभाजित किया जा सकता है। डीएचआई बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है और यह बाल प्रत्यारोपण करने का एक आधुनिक और उन्नत तरीका है। डीएचआई की सफलता दर फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन या फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन दोनों से अधिक है। डीएचआई के बाद रिकवरी भी बहुत तेजी से होती है, क्योंकि इसमें कट और टांके नहीं आते हैं। इस सर्जरी के बाद इंफेक्शन का खतरा भी लगभग शून्य होता है। फॉलिकल डैमेज का जोखिम नहीं होता है और इसका रिजल्ट प्राकृतिक और संतोषजनक होता हैं। डायरेक्ट हेयर इम्प्लांट सर्जरी के मात्र 3 महीने बाद ही बाल बढ़ने लगते हैं जबकि फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन या फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांट के बाद 6-8 महीने का समय लगता है।
Best Surgical Experience in India
We use the world's safest and best technology for hair transplant, with the process starting with a clinical examination and consultation session.
At Pristyn Care we have a team of Best Plastic Surgeons, well trained and experienced in Hair Transplant. All those surgeons are known for their good success rates.
Every type of medical assistance is provided to the patient in all the medical examinations before hair transplant. Hair transplant in our clinics is done through modern technology, which is certified by USFDA.
We also offer the option of free consultation with the specialist after hair transplant, so that the patient recovers as soon as possible after the procedure is completed and gets back to his daily life.
आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी को पूरा होने में लगभग 6-8 घंटे का समय लगता है। प्रक्रिया के अनुसार और हेयर फॉलिकल इम्प्लांट नंबर के अनुसार यह समय कम या अधिक भी हो सकता है|
अगर आप पानीपत में सबसे बेस्ट हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं तो बिना देरी किए प्रिस्टीन केयर क्लिनिक से संपर्क करना चाहिए। हमारे पास अनुभवी प्लास्टिक सर्जन हैं जो कई मरीजों के बालों की खूबसूरती को बचाने में अपना योगदान निभा चुके हैं|
हाँ. गंजेपन की शिकायत केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी है। महिलाएं भी हेयर ट्रांसप्लांट करवा सकती हैं।
आज गंजेपन से हर कोई परेशान है। गंजेपन से चेहरे की खूबसूरती और व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाता है। पहले एक समय यानी 40-45 वर्ष की उम्र के बाद बाल झड़ने यानि गंजेपन की समस्या शुरू होती थी, लेकिन अब यह बच्चे और वयस्कों में सबसे अधिक देखा जाता है। गंजेपन के ढेरों कारण हैं जिनमें केमिकल वाले तेल या शैंम्पू का इस्तेमाल, दवाओं या सप्लीमेंट्स का सेवन और अनुवांशिक कारण आदि शामिल हैं। आमतौर पर गंजेपन का इलाज करने के लिए डॉक्टर शुरुआत में कुछ खास प्रकार के तेल और शैम्पू का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। लेकिन जब इनसे कोई फायदा नहीं होता है तो हेयर ट्रांसप्लांट का चुनाव किया जाता है। पानीपत के ज्यादातर हॉस्पिटल या क्लिनिक में फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांट (एफयूटी) या फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) तकनीक से हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है। इन दोनों ही प्रक्रियाओं के दौरान कट और टांके आते हैं तथा रक्तस्राव होता है। लेकिन डायरेक्ट हेयर इम्प्लांट (डीएचआई) में कट और टांके नहीं आते हैं तथा रक्तस्राव भी नहीं होता है। यही कारण है कि इस तकनीक को पानीपत में गंजेपन का सबसे बेस्ट इलाज माना जाता है। अगर आप हर तरह के तेल और शैम्पू के इस्तेमाल से थक चुके हैं लेकिन आपके गंजेपन में कोई फायदा नहीं हुआ है तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए।