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ग्रेड 1 बीपीएच (बढ़े हुए प्रोस्टेट) का इलाज

बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया या बीपीएच एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें पुरुषों की श्रोणि में प्रोस्टेट बढ़ जाता है और मूत्रमार्ग पर दबाव डालना शुरू कर देता है। इसके कारण व्यक्ति को इस रोग से संबंधित बहुत सारे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य स्थिति के सर्वोत्तम इलाज के लिए हमारे मूत्र रोग विशेषज्ञ से मुफ्त परामर्श लें।

बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया या बीपीएच एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें पुरुषों की श्रोणि में प्रोस्टेट बढ़ जाता है और मूत्रमार्ग पर दबाव डालना ... और पढ़ें

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ग्रेड-1 बीपीएच क्या है?

ग्रेड-1 बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया या बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, बीपीएच का प्रारंभिक अवस्था है। ग्रेड -1 बीपीएच के दौरान, प्रोस्टेट में हल्की वृद्धि होती है और इससे संबंधित मूत्र संबंधी समस्या के लक्षण भी कम दिखते हैं। जबकि आप कुछ हल्के मूत्र संबंधी लक्षण महसूस कर सकते हैं, जैसे कि कमजोर मूत्र प्रवाह या पेशाब करने में कठिनाई। यह लक्षण चिंता का कारण नहीं होते हैं और इसमें ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है। यदि लक्षण आपको ज्यादा परेशान करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। 

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ग्रेड-1 बीपीएच के इलाज में क्या होता है?

निदान

इलाज से पहले मूत्र रोग विशेषज्ञ आपके स्वास्थ्य का आकलन करते हैं। निदान के लिए वह आपके मेडिकल एवं सर्जिकल इतिहास के बारे में आप से कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके साथ साथ आप जिन लक्षणों का सामना कर रहे हैं, उनके बारे में आप से कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके साथ साथ वह कुछ अन्य परीक्षण का भी सुझाव दे सकते हैं, जिससे आपके स्वास्थ्य का पूर्ण आकलन किया जा सके। परीक्षण के परिणाम आपको ऑपरेशन के दौरान जटिलता से बचने में सहायता कर सकते हैं। नीचे बताए गए परीक्षण का सुझाव आपके डॉक्टर दे सकते हैं।

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षण: डिजिटल रेक्टल परीक्षण एक सरल और सामान्य रूप से किया जाने वाला शारीरिक परीक्षण है। इस परीक्षण में डॉक्टर आपके मलाशय में चिकनाई वाली उंगली डालेंगे और आपके प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार का पता लगाएंगे। 
  • प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण: पीएसए परीक्षण में मूत्र रोग विशेषज्ञ आपके रक्त में पीएसए स्तरों का विश्लेषण और निर्धारण करने के लिए रक्त का नमूना लेते हैं। यदि आपके रक्त में पीएसए का स्तर 2.5 एनजी/एमएल से अधिक है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपके प्रोस्टेट के आकार में वृद्धि हुई है।
  • यूरोडायनामिक: यूरोडायनामिक परीक्षणों की एक श्रृंखला है, जो आपके मूत्राशय और मूत्रमार्ग के समग्र कामकाज का विश्लेषण और मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ को यह निर्धारित करने में मदद करता है कि क्या आपके मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर है या कोई अन्य असामान्यता है, जो मूत्र संबंधी समस्या के लक्षणों का कारण है।
  • ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड: यह परीक्षण आपके डॉक्टर को बीपीएच और इसकी गंभीरता का पता लगाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। डिजिटल रेक्टल परीक्षण की तुलना में ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड को अधिक सटीक माना जाता है।

इलाज

आमतौर पर ग्रेड-1 बीपीएच में किसी भी ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है और इसके लक्षणों का इलाज जीवन शैली में कुछ बदलाव और दवाओं के माध्यम से संभव है। प्रोस्टेट में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाले हल्के लक्षणों का बिना ऑपरेशन के इलाज के तरीकों को नीचे दिया गया है। 

  • अल्फा ब्लॉकर्स: यह कुछ दवाएं हैं, जो आमतौर पर बीपीएच के लक्षणों को कम करने के लिए मूत्र रोग विशेषज्ञ रोगियों को देते हैं। इस दवा का सुझाव तभी दिया जाता है, जब लक्षण हल्के होते हैं। अल्फा ब्लॉकर्स आपके प्रोस्टेट और मूत्राशय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं, जिससे मूत्र अधिक आसानी से प्रवाहित होता है। जबकि अल्फा ब्लॉकर्स का उपयोग करने के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे निम्न रक्तचाप और चक्कर आना। इसके साथ साथ सोने से पहले इस दवा को लेने से बचना चाहिए। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इन दवाओं को अपने मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श किए बिना लेने से संभावित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है। 
  • 5 – अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर: अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर वह दवाएं हैं, जो प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार को बढ़ने से रोक सकती है। यह दवा इस समस्या के कारण होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों को रोक सकता है। इस स्थिति के लिए यह दवा सबसे उत्तम साधन हो सकता है। लेकिन इन दवाओं का भी प्रभाव 5 – 6 माह तक ही रहता है। इन दवाओं को लेने के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव भी हैं, जैसे प्रतिगामी स्खलन (रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन), स्तंभन दोष और अवसाद। 
  • संयोजन इलाज: यदि ऊपर बताई गई दवाएं प्रभावी परिणाम देने में सक्षम नहीं है, तो डॉक्टर आपको दोनों दवाओं को एक साथ लेने की सलाह दे सकते हैं। इन दवाओं का सेवन बिना डॉक्टर के अनुमति के न करें। 
  • तडालाफिल: तडालाफिल एक ऐसी दवा है, जिसे आमतौर पर पुरुष लिंग में समस्या के लिए एक प्रभावी इलाज माना जाता है। इस दवा से आप बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण उत्पन्न होने वाले लक्षणों से निजात पा सकते हैं। 

यहां आप सभी को समझने की आवश्यकता है कि ऊपर बताए गए इलाज के तरीकों से सिर्फ उन्हीं मामलों में राहत मिलती है, जिनमें कम या मध्यम लक्षण दिखाई देते हैं। साधारण भाषा में कहें तो ग्रेड -1 बीपीएच के मामले में ऊपर बताए गए तरीके कारगर इलाज साबित हो सकते हैं। यदि इन प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात भी आप बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज नहीं कर पाते हैं, तो बीपीएच और इसकी गंभीरता के बारे में अपने मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें। संपूर्ण निदान के बाद, मूत्र रोग विशेषज्ञ आपके लिए एक उपयुक्त इलाज पद्धति का सुझाव दे सकते हैं। 

ग्रेड-1 बीपीएच के लिए जीवनशैली में बदलाव

लगभग हर रोग की शुरुआत आपके खराब जीवनशैली के कारण होती है। आपकी जीवनशैली में बदलाव ग्रेड-1 बीपीएच के हल्के से मध्यम लक्षणों से राहत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। एक अच्छा मूत्र रोग विशेषज्ञ दवाओं के साथ साथ जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का भी सुझाव देते हैं। इनमें से कुछ परिवर्तन इस प्रकार है – 

  • कैफीन और शराब की खपत को सीमित करें।
  • समय समय पर अपने मूत्राशय को अच्छी तरह से खाली करें
  • सोने से कुछ घंटे पहले तरल पदार्थ के सेवन से बचें।
  • फाइबर युक्त आहार का पालन करने से कब्ज की संभावना को काफी कम करने में सहायता मिल सकती है, क्योंकि कब्ज बीपीएच के लक्षणों को अधिक गंभीर कर सकता है।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपको इस रोग से निजात मिल सकता है। 
  • सक्रिय जीवन शैली बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।

ग्रेड-1 बीपीएच उपचार के फायदे

प्रारंभिक अवस्था में बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज करने के कई फायदे हो सकते हैं जैसे:

  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, जो आपको संक्रमण से बचाएगा। पेशाब करने में कठिनाई और कमजोर पेशाब की धारा जैसे मूत्र संबंधी समस्या के लक्षणों से राहत मिलती है।
  • मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और गुर्दे की क्षति या मूत्राशय की पथरी जैसी जटिलता से राहत मिलती है। 

यदि इस स्थिति का समय पर इलाज नहीं होता है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि यह रोग अगले ग्रेड तक चला जाए और गंभीर मूत्र संबंधी रोग उत्पन्न करे। हालांकि इस बात में भी सच्चाई है कि समय पर बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज इसकी वृद्धि को पूर्ण रूप से नहीं रोक सकता है, लेकिन उनकी प्रगति को धीमा कर सकता है, जिससे इसके लक्षण भी कम उत्पन्न होते हैं।

सर्जरी के बाद प्रिस्टीन केयर द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सेवाएँ

भोजन और जीवनशैली से जुड़े सुझाव

Post-Surgery Follow-Up

मुफ्त कैब सुविधा

24*7 सहायता

ग्रेड 1 बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज से संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बीपीएच के कितने ग्रेड हैं?

बीपीएच को 4 अलग-अलग ग्रेड में वर्गीकृत किया गया है। ग्रेड-1 बीपीएच प्रोस्टेट वृद्धि का प्रारंभिक चरण है और केवल हल्के लक्षण प्रदर्शित करते हैं। इसके आगे के चरणों में लक्षणों की गंभीरता बढ़ती जाती है।

बढ़े हुए प्रोस्टेट को कब गंभीर स्थिति माना जाए?

यदि आप पेशाब करने में असमर्थता, पेशाब करते समय दर्द, कमजोर मूत्र प्रवाह या निशामेह जैसे गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को इन लक्षणों के बारे में जल्द से जल्द सूचित करें।

यदि ग्रेड-1 बीपीएच का उपचार न किया जाए तो क्या होगा?

यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार निरंतरता से साथ बढ़ता जाएगा और अंत में गंभीर मूत्र रोग संबंधी समस्या उत्पन्न करेगा।  यदि बीपीएच का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे मूत्र पथ पर संक्रमण (यूटीआई), मूत्राशय की पथरी, गुर्दे की पथरी या गुर्दे को क्षति भी हो सकती है।

ग्रेड-1 बीपीएच के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?

ग्रेड-1 बीपीएच में आमतौर पर किसी भी तरह के ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है और दवाओं के उपयोग से इसके हल्के लक्षणों को कम भी किया जा सकता है। यदि यह दवाएं प्रभावी नहीं हो रही है तो टीयूआरपी और होलेप जैसी प्रक्रिया सबसे प्रभावी इलाज माने जाते हैं। 

बीपीएच के दवाओं के उपयोग के क्या दुष्प्रभाव है?

बढ़े हुए प्रोस्टेट के दवाओं के उपयोग के कुछ दुष्प्रभाव हैं जैसे – 

  • चक्कर आना
  • सिर दर्द
  • थकान
  • नपुंसकता
  • प्रतिगामी स्खलन (रेट्रोग्रेड इजेकुलेशन)