शहर चुनें
location
Get my Location
search icon
phone icon in white color

कॉल करें

निःशुल्क परामर्श बुक करें

ग्रेड 2 बीपीएच (बढ़े हुए प्रोस्टेट) का इलाज

बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, बीपीएच, या प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना एक सामान्य स्थिति है, जो आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके कारण लोगों में गंभीर मूत्र संबंधी लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। प्रिस्टीन केयर बीपीएच के सभी ग्रेड के लिए आधुनिक और कम से कम चीरा लगा कर इलाज प्रदान करता है। आज ही हमसे संपर्क करें और अपने आस-पास के सर्वश्रेष्ठ मूत्र रोग विशेषज्ञों से मुफ्त परामर्श बुक करें और अपने मूत्र संबंधी लक्षणों से छुटकारा पाएं।

बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, बीपीएच, या प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना एक सामान्य स्थिति है, जो आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ... और पढ़ें

anup_soni_banner
डॉक्टर से फ्री सलाह लें
cost calculator
Anup Soni - the voice of Pristyn Care pointing to download pristyncare mobile app
i
i
i
i
Call Us
स्टार रेटिंग
2 M+ संतुष्ट मरीज
700+ हॉस्पिटल
45+ शहर

आपके द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित करने के लिए कृप्या ओटीपी डालें *

i

45+

शहर

Free Consultation

निशुल्क परामर्श

Free Cab Facility

मुफ्त कैब सुविधा

No-Cost EMI

नो-कॉस्ट ईएमआई

Support in Insurance Claim

बीमा क्लेम में सहायता

1-day Hospitalization

सिर्फ एक दिन की प्रक्रिया

USFDA-Approved Procedure

यूएसएफडीए द्वारा प्रमाणित

ग्रेड-2 बीपीएच क्या है?

ग्रेड -2 बीपीएच, प्रोस्टेट वृद्धि का दूसरा चरण है, जिसमें मध्यम लक्षण होते हैं, जो रोगी के दैनिक जीवन को धीरे धीरे प्रभावित करना शुरू कर सकता है। ग्रेड-2 बीपीएच का इलाज दवाओं के माध्यम से संभव है, लेकिन कुछ मामलों में दवाएं प्रभावकारी साबित नहीं होती है। इस संबंध में आपको ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ सकती है। 

cost calculator

प्रोस्टेट का बढ़ना सर्जरी की कीमत जांचे

वास्तविक कीमत जाननें के लिए जानकारी भरें

i
i
i

आपके द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित करने के लिए कृप्या ओटीपी डालें *

i

ग्रेड-2 बीपीएच ऑपरेशन में क्या होता है?

निदान

ऑपरेशन से पहले, स्थिति का पूर्ण आकलन होना अनिवार्य है। निदान के दौरान डॉक्टर कुछ ऐसे टेस्ट का सुझाव भी दे सकते हैं, जो आपके समग्र स्वास्थ्य के बारे में पता चल सकता है। इस परीक्षण के परिणाम के माध्यम से इस बात की पुष्टि हो सकती है कि आपको इलाज के दौरान या बाद में किसी भी प्रकार की जटिलता नहीं होगी। यदि निदान के माध्यम से किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य स्थिति का पता चलता है, तो इलाज के पश्चात अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस बात की अधिक संभावना है कि मूत्र रोग विशेषज्ञ आपसे आपके चिकित्सा एवं सर्जिकल इतिहास के बारे में पूछ सकता है। इसके साथ साथ वह आपसे आपके द्वारा उत्पन्न होने वाले लक्षणों के बारे में भी पूछ सकते हैं। इन प्रश्नों के उत्तर आपके इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं। कुछ डायग्नोस्टिक टेस्ट हैं जिनका सुझाव आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ दे सकते हैं। नीचे बताए गए टेस्ट का सुझाव दिया जा सकता है – 

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षण (डीआरई): डिजिटल रेक्टल परीक्षण एक सरल परीक्षण है, जिसके द्वारा आपका मूत्र रोग विशेषज्ञ प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार की जांच कर सकता है। डिजिटल रेक्टल परीक्षण में, मूत्र रोग विशेषज्ञ आपके मलाशय में एक चिकनाई वाली उंगली डालते हैं और प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार को निर्धारित करने के लिए उसे शारीरिक रूप से महसूस करते हैं।
  • पीएसए परीक्षण: प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन परीक्षण एक साधारण रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग आपके रक्त में मौजूद पीएसए स्तर के मूल्यांकन के लिए किया जाता है। यदि आपके रक्त में पीएसए का स्तर 2.5 एनजी/एमएल से अधिक है, तो यह संभावना है कि आपके प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार बढ़ गया है। 
  • मूत्र विश्लेषण: मूत्र विश्लेषण एक सरल परीक्षण है, जो आमतौर पर आपके समग्र स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं का आकलन करने के लिए किया जाता है। यदि आपको मधुमेह, यूटीआई या गुर्दे की बीमारी जैसी पहले से कोई भी बीमारी है, तो इस परीक्षण के द्वारा आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ को उसकी जानकारी हो जाएगी। 
  • ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड: ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड एक ऐसा परीक्षण है, जिसमें आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ को आपके प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार को देखने और सटीक रूप से आकलन करने में मदद मिलती है। इसके द्वारा किसी अन्य असामान्यताओं के बारे में भी पता चल सकता है। 
  • यूरोडायनामिक परीक्षण: यूरोडायनामिक परीक्षण, परीक्षणों की एक श्रृंखला है जो आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ को यह समझने में मदद करता है कि आपका मूत्राशय और मूत्रमार्ग मूत्र कितना सक्रिय है।

इलाज

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ऑपरेशन बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों को कम करने के लिए एक प्रभावी इलाज है। लेकिन यह ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के रोग में आवश्यक इलाज प्रक्रिया नहीं है। यहां एक बात की संभावना बनती है कि मूत्र रोग विशेषज्ञ ऑपरेशन से पहले उत्पन्न हो रहे लक्षणों को कम करने के लिए कुछ दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं। यदि आप इस रोग के लिए बिना ऑपरेशन के विकल्प की तलाश में हैं तो अल्फा ब्लॉकर्स, 5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर या टाडालाफिल जैसी दवाएं आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकती हैं। लेकिन यहां आपको एक बात का ख्याल रखना होगा कि इन दवाओं का असर 5-6 माह तक ही रहेगा। इस अवधि के बीत जाने के पश्चात आपको ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ सकती है। बढ़े हुए प्रोस्टेट के ऑपरेशन के तीन मुख्य तरीके हैं – 

  • टीयूआरपी: प्रोस्टेट का टीयूआरपी या ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कम से कम चीर लगाकर इलाज किया जाता है। इस प्रक्रिया में आपके मूत्र मार्ग के माध्यम से एक पतला, ट्यूब जैसा उपकरण डाला जाता है जिसे रेक्टोस्कोप कहते हैं। इस उपकरण के अंत में एक सर्जिकल उपकरण लगा होता है, जिसका उपयोग आपका सर्जन बढ़े हुए प्रोस्टेट के टुकड़ों को काटने या निकालने के लिए कर सकता है। प्रोस्टेट ग्लैंड तक पहुंचने के लिए सर्जन धीरे-धीरे मूत्रमार्ग के माध्यम से रेक्टोस्कोप पास करेगा। जब यह उपकरण आपके प्रोस्टेट ग्लैंड के पास पहुंच जाता है, तो वह फिर उस बढ़े हुए प्रोस्टेट को काट देता है। एक बार जब मूत्रमार्ग पर पड़ रहा दबाव कम हो जाता है, तो सर्जन रेक्टोस्कोप को निकाल लेंगे और आपको रिकवरी कक्ष में ले जाया जाएगा। प्रोस्टेट के ऊतकों के टुकड़े बाद में मूत्रमार्ग के माध्यम से निकला जाएगा।
  • एचओएलईपी: प्रोस्टेट को एचओएलईपी या होल्मियम लेजर एन्यूक्लिएशन नाम की प्रक्रिया से भी निकाला जाता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसे अक्सर प्रोस्टेट में वृद्धि के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। एचओएलईपी प्रक्रिया लगभग टीयूआरपी ऑपरेशन की तरह ही सटीक प्रक्रिया है। हालांकि, एचओएलईपी के मामले में, प्रोस्टेट के टुकड़ों को काटने के लिए सर्जिकल उपकरणों के बजाय बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्लैंड को खत्म करने के लिए होल्मियम लेजर का उपयोग किया जाता है। टीयूआरपी की तुलना में यह इलाज प्रक्रिया अधिक आधुनिक तकनीक है।

टीयूआईपी: ट्रांसयूरेथ्रल इनसीजन ऑफ द प्रोस्टेट (टीयूआईपी) ऑपरेशन एक बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण मूत्र संबंधी लक्षणों के उपचार की एक न्यूनतम इनवेसिव विधि है। न्यूनतम इनवेसिव विधि का अर्थ है कम से कम चीरे के साथ ऑपरेशन। इस प्रक्रिया का सुझाव तब दिया जाता है जब युवा पुरुष अपने प्रजनन क्षमता के बारे में चिंतित होते हैं। अन्य दो प्रक्रियाओं के समान, टीयूआईपी में भी एक रेक्टोस्कोप का उपयोग होता है। एक बार जब रेक्टोस्कोप प्रोस्टेट ग्लैंड के पास पहुंच जाता है, तो टीयूआपी और एचओएलईपी प्रक्रिया विधि के समान प्रोस्टेट के ऊतकों को टुकड़ों में काटने के बजाय, प्रोस्टेट और मूत्राशय के जोड़ में बहुत छोटे छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इसके कारण मूत्र मार्ग चौड़ा हो जाता है और इससे समस्या का निवारण भी हो जाता है।

ग्रेड-2 बीपीएच के लिए जीवनशैली में बदलाव

जीवनशैली में बदलाव बीपीएच के मध्यम लक्षणों को कम करने में बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आपका मूत्र रोग विशेषज्ञ जीवन शैली में कुछ परिवर्तन का सुझाव दे सकता है। नीचे दिए गए बदलावों का सुझाव आपको आपके डॉक्टर के द्वारा मिल सकता है। 

  • शराब, कैफीन और निकोटीन के सेवन से बचें या इसकी मात्रा को सीमित करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें। नियमित व्यायाम भी आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
  • जिंक सप्लीमेंट ज्यादा न लें। जिंक बीपीएच के लक्षणों को और भी ज्यादा गंभीर कर सकता है। 
  • सोने से कुछ घंटे पहले तरल पदार्थ के सेवन से बचें।
  • हर 3 घंटे में कम से कम एक बार पेशाब करने का प्रयास करें।
  • फाइबर युक्त आहार का पालन करने से कब्ज की संभावना को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि कब्ज के कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है। 

ग्रेड-2 बीपीएच इलाज के फायदे

प्रारंभिक अवस्था में बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज करने से कई लाभ हो सकते हैं जैसे:

  • इलाज के बाद मूत्र संबंधी उन लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है जो बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण उत्पन्न होती है।
  • प्रोस्टेट वृद्धि के गंभीर मामले किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य के लिए जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है जैसे कि मूत्राशय की पथरी, गुर्दे की पथरी, गुर्दे की क्षति या यूटीआई। प्रारंभिक अवस्था में बीपीएच का इलाज करने से इन जटिलताओं को रोका जा सकता है।
  • यदि आप बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज समय पर ले लेते हैं, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि आप बिना किसी बड़े जटिलता के अपने दैनिक जीवन में वापस आ सकते हैं।

सर्जरी के बाद प्रिस्टीन केयर द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सेवाएँ

भोजन और जीवनशैली से जुड़े सुझाव

Post-Surgery Follow-Up

मुफ्त कैब सुविधा

24*7 सहायता

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग्रेड-1 और ग्रेड-2 बीपीएच में क्या अंतर है?

ग्रेड-1 और ग्रेड-2 बीपीएच के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि ग्रेड-1 बीपीएच में मूत्र संबंधी लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन इससे रोगी के दैनिक जीवन में कोई बड़ी समस्या होने की संभावना कम होती है और ज्यादातर मामलों में किसी भी प्रकार के ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है। वहीं ग्रेड-2 बीपीएच के मामले में, लक्षण और भी ज्यादा परेशान करने लगते हैं, जो किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करना शुरू कर सकते हैं। इलाज के लिए, मूत्र विशेषज्ञ कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। अगर दवाएं अपना कार्य करने में विफल रहती हैं तो ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प नजर आता है। 

अगर ग्रेड-2 बीपीएच का इलाज नहीं किया जाए तो क्या होगा?

यदि इस स्थिति का इलाज नहीं होता है तो इस बात की अत्यधिक संभावना है कि आपके प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार बढ़ता रहेगा और मूत्र संबंधी समस्याएं आपको समय समय पर परेशान करती रहेगी। बढ़े हुए प्रोस्टेट के गंभीर मामलों में पेशाब करने में पूर्ण अक्षमता, मूत्राशय की पथरी का निर्माण, मूत्र पथ के संक्रमण और गुर्दे की क्षति हो सकती है।

प्रोस्टेट ग्लैंड के किस आकार को ऑपरेशन की आवश्यकता होती है?

आमतौर पर प्रोस्टेट ग्लैंड के मामलों में ऑपरेशन 80 mm तक या उससे अधिक मात्रा के साथ आवश्यक होती है।

बीपीएच के लिए सबसे प्रभावी इलाज क्या है?

आप इस रोग के लक्षणों को दवाओं से कुछ समय के लिए ठीक कर सकते हैं, लेकिन प्रोस्टेट का ऑपरेशन (टीयूआरपी) को आमतौर पर बढ़े हुए प्रोस्टेट का सबसे अच्छा और प्रभावी इलाज माना जाता है।