महिलाओं व पुरुषो में खतना
महिलाओं का खतना — Circumcision of Women in Hindi
खतना सिर्फ पुरुषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी होता है। महिलाओं के योनि की बाहरी त्वचा को काट दिया जाता है। महिलाओं में खतना का कुछ फायदा नहीं है, बल्कि इससे उन्हें परेशानी ही होती है। महिलाओं में खतना के बाद खून बहता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है।
दूसरे खतरनाक रोग जैसे ओवेरी में गांठ, यूरिन मार्ग में संक्रमण और पेशाब से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। कुछ दिनों तक पेशाब करते समय तेज दर्द का सामना करना भी पड़ सकता है। लड़कियों का खतना उनके 15 साल का होने के पहले ही कर दिया जाता है।
आज हर क्षेत्र में प्रगति हो रही है, लेकिन कुछ रूढ़िवादी लोग महिलाओं के खतना को आदर्श बताते हैं। हमें अपने समाज के सोच को सुधारना चाहिए और महिलाओं का खतना के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
पुरुषों का खतना — Circumcision of Men in Hindi
पुरुष के खतना के दौरान लिंग के बाहर की स्किन को काटकर निकाल दिया जाता है। बच्चों का खतना करने में ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट का समय लगता है। ग्रामीण इलाकों में बच्चों का खतना करते वक्त किसी प्रकार के एनेस्थीसिया (Anesthesia) (बेहोश करने वाली दवा) का उपयोग नहीं किया जाता है। सभी प्रकार के रस्म के साथ पुरुषों का खतना करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है।
हालांकि, तकनीकीकरण के कारण खतना करने की मॉडर्न विधि (लेजर और स्टेपलर) आ चुकी है और इनके जरिए खतना 10 से 20 मिनट में ही हो जाता है। वहीं बच्चा या पुरुष अगले दिन से ही अपने काम पर जा सकता है, क्योंकि कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है। 20 सप्ताह के भीतर रोगी का लिंग सेक्स के लिए तैयार हो जाता है, हालांकि सेक्स करने के पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
खतना करवाने के बाद बच्चे का विशेष ख्याल रखना होता है। स्वास्थ्य विभाग इस बात से सहमत हैं कि छोटे बच्चों का खतना उनके लिए अच्छा है। इसके अलावा फाइमोसिस (phimosis) की समस्या होने पर या लिंग में संक्रमण की स्थिति में भी खतना कर दिया जाता है। फाइमोसिस में लिंग की ऊपरी त्वचा कठोर हो जाती है।