परफोरेटेड ईयरड्रम के लिए अत्यधिक अनुभवी ईएनटी डॉक्टरों से उन्नत उपचार प्राप्त करें। एक विशेषज्ञ इस स्थिति का निदान करेगा और ईयरड्रम में हुए छेद को ठीक करने के लिए सबसे उपयुक्त उपचार की सलाह देगा। टायमपनोप्लास्टी एक विकसित और उन्नत तकनीक है जो ईयरड्रम के छेद को ठीक करने और सुनने की क्षमता को बहाल करने के लिए प्रयोग की जाती है।
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कान के पर्दे में छेद होना या फटना आपकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ईयरड्रम यानि कि कान का पर्दा को टिम्पेनिक झिल्ली के रूप में भी जाना जाता है। कान में पाई जाने वाली यह एक ऐसी परत है जो ध्वनि के कंपन्न को प्राप्त करती है और इसे श्रवण अस्थियों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे हमें सुनाई देता है। जब इस ईयरड्रम में छेद होता है तो उसे छिद्रण कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति छिद्रित ईयरड्रम की समस्या से परेशान है तो उसे तुरंत डॉक्टर से सहायता लेनी चाहिए। छिद्रित ईयरड्रोम से पीड़ित व्यक्ति अगर इलाज के लिए देर करता है तो उसकी सुनाई देने की क्षमता कम हो सकती है या वह अपनी सुनने की क्षमता को खो सकता है।
कई मामलों में ऐसा देखा जाता है कि अगर पर्दे का छेद छोटा है तो यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है या कान के लिए दी जाने वाली कुछ दवाओं की मदद से भी ठीक हो जाता है। वहीं अगर कान के परदे का छेद बड़ा है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह दवाइयों या डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार की मदद से ठीक नहीं होगा। कान के परदे में छेद होने की वजह से कान में दर्द, कान से पानी आना या सुनने की क्षमता में की जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऑपरेशन की मदद से सुनने की क्षमता को ठीक किया जा सकता है। इसे सर्जिकल प्रक्रिया या टिम्पोनोप्लास्टी कहा जाता है। इससे कान के पर्दे में छेद होने के सभी लक्षणो को ठीक किया जा सकता है।
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प्रिस्टिन केयर भारत में एक सुरक्षित, विश्वसनीय और किफ़ायती स्वास्थ्य सेवा केंद्र है। प्रिस्टिन केयर किफायती दामों पर ईएनटी सर्जरी उपलब्ध करता है। इसके अलावा यह भी प्रयास किया जाता है कि इसकी सेवा देश भर में हर किसी तक पहुंच सके। हमारे पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित, अत्यधिक अनुभवी डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम है जो मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता और कौशल का उपयोग करते हैं। हमारे उपचार के तरीके अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और सफलता की अधिकतम दर सुनिश्चित करते हैं।
आपके पास दूसरों के मुकाबले कान के पर्दे की सर्जरी या टिम्पेनोप्लास्टी करवाने के लिए प्रिस्टिन केयर को चुनने के कई कारण हैं। नीचे कुछ ऐेसे कारण बताए गए हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि आपको प्रिस्टिन केयर को क्यों चुनना चाहिए:
टिम्पेनोप्लास्टी कराने से पहले प्रिस्टीन केयर का लाभ उठाएं।
छिद्रित ईयरड्रम सर्जरी की आवश्यकता आम तौर पर तब होती है जब किसी मरीज के कान के पर्दे में एक बड़ा छेद होता है जो अपने आप ठीक नहीं होता है। यह कई स्थितियों के कारण हो सकता है, जैसे कि कान के बीच में संक्रमण, चोट लगना या अचानक शोर आदि। छिद्रित ईयरड्रम के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं, सुनने की क्षमता में कमी, टिनिटस (कान में बजना), कान में दर्द और कान से पानी बहना। कुछ मामलों में मरीज को चक्कर भी आ सकता है। पर्दे के फटे हुए हिस्से को ठीक करने और कान को और अधिक नुकसान होने से बचाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
इस प्रक्रिया में आमतौर पर फटे हुए हिस्से को सील करने के लिए ईयरड्रम में एक पैच डाला जाता है या इसमें कमज़ोर क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए इम्प्लांट लगाना शामिल हो सकता है। ऑपरेशन की सफलता फटे हुए हिस्से के आकार, स्थान और गहराई पर निर्भर करती है।
यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनसे आप अपने छिद्रित कान के पर्दे की सर्जरी के लिए तैयारी कर सकते हैं:
बताए गए सुझावों का पालन करके, आप कान के पर्दे में छेद की सर्जरी के लिए तैयारी कर सकते हैं।
भोजन और जीवनशैली से जुड़े सुझाव
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कान के पर्दे में छेद की सर्जरी के बाद ठीक होने में कुछ समय लग सकता है, जो चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। आम तौर पर, इसमें कुछ सप्ताह से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है।
अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और रिकवरी अवधि के दौरान आराम करना महत्वपूर्ण है। अगर आप जल्दी से ठीक होना चाहते हैं तो आपको यह करना चाहिए:
कान के पर्दे में छेद की सर्जरी सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन किसी भी अन्य शल्य चिकित्सा प्रक्रिया की तरह इसमें भी कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं।
कान का संक्रमण: संक्रमण की संभावना किसी भी सर्जरी में हो सकती है। कान के पर्दे में छेद की सर्जरी के बाद इसमें भी संक्रमण की संभावना रहती है। यदि संक्रमण होता है, तो इसका एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जा सकता है। हालांकि, अगर तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कान के पर्दे में सूजन और निशान पैदा कर सकता है।
लगातार सुनने की क्षमता में कमी: कान के पर्दे में छेद की सर्जरी की एक और संभावित जटिलता है। यह आमतौर पर तब होता है जब ईयरड्रम अच्छी तरह से ठीक नहीं होता है और मध्य कान की बनावट में परिवर्तन होते हैं। लगातार सुनने की क्षमता में कमी कान के पर्दे पर घाव, आंतरिक कान में परिवर्तन या चेहरे की तंत्रिका को नुकसान के कारण हो सकती है।
अन्य: कान की अन्य संरचनाओं को नुकसान होना कान के पर्दे में छेद की सर्जरी की एक दुर्लभ जटिलता है। इससे कान की हड्डी को नुकसान हो सकता है, जिससे सुनने में समस्या, चक्कर आना और संतुलन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
आम तौर पर, कान के पर्दे में छेद की सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। हालांकि, सर्जरी से पहले अपने डॉक्टर से किसी भी संभावित जोखिम और जटिलताओं के बारे में अवश्य पूछ लें।
टिम्पेनोप्लास्टी कान के परदे में छेद को ठीक करने की एक उन्नत तकनीक है। यह पारंपरिक तरीकों के विपरीत छोटे चीरों के माध्यम से की जाती है। पारंपरिक सर्जरी के तरीकों में संक्रमण का खतरा होता है और आमतौर पर बड़े कट लगाए जाते हैं, जिससे अधिक रक्तस्राव हो सकता है। टिम्पेनोप्लास्टी से रक्त की हानि नहीं होती है और पारंपरिक तरीकों की तुलना में इसमें रिकवरी तेजी से होती है।
टिम्पेनोप्लास्टी एक विकसित तकनीक है जिसे एक अनुभवी ईएनटी सर्जन द्वारा किया जाता है। जिन रोगियों ने टिम्पेनोप्लास्टी करवाई है, वे सर्जरी के 3-4 दिन बाद सामान्य गतिविधियाँ फिर से शुरू कर सकते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में एक महीने का समय लग सकता है।
हां। कान के परदे में छेद की सर्जरी के बाद कम से कम 4-5 दिनों तक तैराकी से बचने की सलाह दी जाती है। क्योंकि सर्जरी वाली जगह संक्रमण हो सकता है और पानी के संपर्क में आने से उपचार प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।