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सामान्य तौर पर बवासीर एक गंभीर और कष्टदायक स्थिति है, लेकिन गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के दौरान बवासीर या पाइल्स अधिक समस्या खड़ी कर सकते हैं। प्रेगनेंसी में पाइल्स के इलाज के लिए प्रिस्टीन केयर के विशेषज्ञ से संपर्क करें। सर्वश्रेष्ठ बवासीर के डॉक्टर से परामर्श सत्र बुक करने के लिए हमसे संपर्क करें और अपनी स्थिति के अनुसार उत्तम इलाज प्राप्त करें।
सामान्य तौर पर बवासीर एक गंभीर और कष्टदायक स्थिति है, लेकिन गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के दौरान बवासीर या पाइल्स अधिक समस्या खड़ी कर सकते ... और पढ़ें
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बवासीर रोग को पाइल्स (Piles) के नाम से भी जाना जाता है, जो गुदा के अंदर या आसपास पाया जाता है। बवासीर में सूजन आ जाती है, जिसके कारण दर्द उत्पन्न होता है। बवासीर की समस्या गर्भवती महिलाओं में सबसे ज्यादा देखी जाती है। यह समस्या तीसरी तिमाही में सबसे ज्यादा सामान्य होती है, जिसमें गर्भाशय की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में अलग अलग शारीरिक बदलाव होते हैं और बवासीर गर्भावस्था की स्थिति को और भी ज्यादा गंभीर बना देता है, जिसके कारण आपको अतिरिक्त असहजता का सामना करना पड़ सकता है।
आप सभी को एक बात जानकर हैरानी होगी कि भारत के लगभग 80 प्रतिशत लोग अपने जीवन में कभी न कभी कब्ज का सामना करते हैं और उनमें से अधिकतर लोग बवासीर का शिकार होते हैं। अमेरिका की एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, 20 में से 1 व्यक्ति को लक्षण के साथ बवासीर की शिकायत होती है।
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प्रेगनेंसी के कारण बवासीर होने के कई कारण है, जिनमें से कुछ को नीचे संक्षेप में बताया गया है –
यह सभी कारण गर्भावस्था के दौरान बवासीर की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
जैसी ही गुदा या मलाशय के आस पास की नसों में सूजन आ जाती है, उसी समय महिलाएं निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना शुरू कर देते हैं –
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो आपको तुरंत एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करने की आवश्यकता है। वह इस स्थिति के निदान एवं इलाज के लिए सटीक सुझाव देंगे।
सामान्य तौर पर बवासीर का निदान लक्षणों के आधार पर ही हो जाता है। लक्षणों की पहचान के बाद डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करते हैं, जो बवासीर की पुष्टि करता है। अगले चरण में स्थिति की गंभीरता के लिए डॉक्टर कुछ नैदानिक परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं जैसे –
इस परीक्षण के परिणाम के आधार पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता रोगी के लिए उचित इलाज की योजना बना पाते हैं।
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प्रेगनेंसी के दौरान उत्पन्न होने वाली बवासीर के कई इलाज के विकल्प हैं। कुछ सामान्य तरीके हैं, जिनसे इस स्थिति का इलाज संभव है जैसे –
जरूरी नहीं है कि हर महिला के लिए सभी इलाज की प्रक्रिया एक समान हो। यह हर मरीज की स्थिति और उनके रोग की गंभीरता पर भी निर्भर करता है।
यदि गर्भवती महिलाओं को बवासीर के लक्षणों से राहत चाहिए तो उन्हें अपने जीवन में कुछ आवश्यक बदलाव करने की आवश्यकता है जैसे –
निम्नलिखित कुछ दवाएं हैं जिनका सुझाव आपके डॉक्टर दे सकते हैं –
गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवा के प्रयोग से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि वह आपके और आपके बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर सलाह देंगे।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर के ऑपरेशन का सुझाव आपके डॉक्टर के द्वारा दिया जाता है। वह आपके स्वास्थ्य के अनुसार सभी जोखिम और जटिलताओं का आकलन कर आपके लिए सर्वश्रेष्ठ निर्णय लेते हैं। उनका प्रथम उद्देश्य बच्चे एवं मां दोनों को स्वस्थ रखना है। नीचे उन अलग अलग ऑपरेशन के बारे में बताया गया है, जिसका सुझाव आपके डॉक्टर के द्वारा दिया जा सकता है –
इन सबके साथ साथ कुछ अन्य सर्जिकल तकनीक का भी प्रयोग किया जाता है, जैसे – रबर बैंड लिगनेश या स्क्लेरोथेरेपी। यह दोनों ही प्रक्रिया बवासीर के शुरुआती चरण में कारगर साबित होती हैं।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर से बचाव के लिए महिलाएं निम्नलिखित उपाय कर सकती हैं –
इन सुझावों और निर्देशों का पालन करके महिलाएं बवासीर के विकसित होने या बढ़ने के जोखिम को कम कर सकती हैं और अंततः मौजूदा लक्षणों में कमी देखी जा सकती है।
जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बवासीर का निदान होता है, वह अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती हैं। यहां आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है, जो दर्शाता है कि गर्भावस्था के दौरान बवासीर से बच्चे को कोई भी समस्या होती है।
गर्भावस्था के तीसरी तिमाही के दौरान आपको किसी भी प्रकार की बवासीर हो सकती है। मुख्यतः बवासीर दो प्रकार की होती है – आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे यह प्रमाण मिले की गर्भावस्था के दौरान किस प्रकार के बवासीर से आप प्रभावित हो सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में, बच्चे के जन्म के बाद पाइल्स अपने आप ठीक हो जाती है, क्योंकि हार्मोनल स्तर स्थिर हो जाते हैं और अतिरिक्त दबाव से राहत मिल जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में स्थिति ज्यों का त्यों बनी रह सकती है, जिसके कारण रोगी को उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
बवासीर की समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों में एक आम समस्या है। ज्यादातर लोग 50 साल की उम्र तक बवासीर से पीड़ित हो जाते हैं।
अधिकांश मामलों में, जैसे-जैसे आपका शरीर प्रसव के रिकवर होता है, पाइल्स भी सिकुड़ते और गायब हो जाते हैं। डिलीवरी के बाद नहा लें और गुदा क्षेत्र को हल्के हाथों से साफ कर लें। प्रसव के बाद, कब्ज आपको परेशान कर सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप कब्ज को रोकने के लिए अपने आहार में पर्याप्त फाइबर शामिल करें। आपका एक्टिव रहना भी जरूरी है। अपनी किसी भी समस्या के बारे में अपने डॉक्टर को सूचित करें, और कब्ज के संबंध में सहायता लें। हालांकि, किसी भी उपचार का सहारा लेने से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना हमेशा एक बेहतर विकल्प होता है।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लिए आमतौर पर सर्जरी की सिफारिश तब तक नहीं की जाती है, जब तक कि स्थिति बहुत गंभीर न हो जाए या फिर अन्य उपचार प्रभावी न हो।
गर्भावस्था के दौरान पाइल्स सर्जरी के जोखिम बहुत अधिक होते हैं। यह अत्यधिक रक्त हानि, संक्रमण और यहां तक कि समय से पहले प्रसव का कारण बन सकते हैं। इसके कारण, डॉक्टर ज्यादातर सतर्क रहने का सुझाव देते हैं और जीवनशैली में बदलाव करके बच्चे के जन्म तक स्थिति का प्रबंधन करने का सुझाव देते है। एक बार जब महिला बच्चे को जन्म दे देती है, तो प्रसव के बाद एक या एक महीने के भीतर समस्या दूर नहीं होने पर सर्जिकल उपचार पर विचार किया जाता है।
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