शहर चुनें
location
Get my Location
search icon
phone icon in white color

कॉल करें

निःशुल्क परामर्श बुक करें

सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean Delivery): ऑपरेशन से बच्चे का जन्म

आज के दौर में सिजेरियन डिलीवरी यानी की ऑपरेशन की मदद से बच्चे का जन्म होने के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और सिजेरियन डिलीवरी कराना चाहती हैं तो आप प्रिस्टीन केयर की बेहतर सुविधाओं का लाभ ले सकती हैं। प्रिस्टीन केयर में भारत की बेहतरीन महिला डॉक्टरों की मदद से सिजेरियन डिलीवरी कराई जाती हैं। इन महिला डॉक्टरों के पास सिजेरियन डिलीवरी करने का कई वर्षों का अनुभव है। सिजेरियन डिलीवरी कराने के लिए अभी अपना अपॉइंटमेंट बुक करें।

आज के दौर में सिजेरियन डिलीवरी यानी की ऑपरेशन की मदद से बच्चे का जन्म होने के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अगर ... और पढ़ें

anup_soni_banner
डॉक्टर से फ्री सलाह लें
cost calculator
Anup Soni - the voice of Pristyn Care pointing to download pristyncare mobile app
i
i
i
i
Call Us
स्टार रेटिंग
2 M+ संतुष्ट मरीज
700+ हॉस्पिटल
45+ शहर

आपके द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित करने के लिए कृप्या ओटीपी डालें *

i

45+

शहर

Free Consultation

निशुल्क परामर्श

Free Cab Facility

मुफ्त कैब सुविधा

No-Cost EMI

नो-कॉस्ट ईएमआई

Support in Insurance Claim

बीमा क्लेम में सहायता

1-day Hospitalization

सिर्फ एक दिन की प्रक्रिया

USFDA-Approved Procedure

यूएसएफडीए द्वारा प्रमाणित

सिजेरियन डिलीवरी के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ

Choose Your City

It help us to find the best doctors near you.

बैंगलोर

चेन्नई

दिल्ली

हैदराबाद

इंदौर

कोच्चि

मुंबई

पुणे

विशाखापट्टनम

दिल्ली

गुडगाँव

नोएडा

अहमदाबाद

बैंगलोर

  • online dot green
    Dr. Nikita Trehan (px6aL5CFKE)

    Dr. Nikita Trehan

    MBBS, DNB, MNAMS Diploma in Laparoscopic Surgery (Kochi, Germany)
    25 Yrs.Exp.

    4.9/5

    25 Years Experience

    location icon Pristyn Care Clinic, Delhi
    Call Us
    6366-524-702
  • online dot green
    Dr. Anoop Gupta (DksYBmcnwW)

    Dr. Anoop Gupta

    MBBS, MD-Obs & Gynecologist
    Yrs.Exp.

    4.9/5

    Years Experience

    location icon Pristyn care Clinic - Delhi IVF & Fertility Research Centre
    Call Us
    6366-524-702
  • online dot green
    Dr. Monika Dubey (L11rBuqCul)

    Dr. Monika Dubey

    MBBS, MS - Obstetrics & Gynaecology
    23 Yrs.Exp.

    4.5/5

    23 Years Experience

    location icon Pristyn Care Clinic, Noida
    Call Us
    6366-524-702
  • online dot green
    Dr. Kavita Abhishek Shirkande (J0NEC4aA4I)

    Dr. Kavita Abhishek Shir...

    MBBS, MS,DNB-Obs & Gyne
    18 Yrs.Exp.

    4.6/5

    18 Years Experience

    location icon Pristyn Care Clinic, Mumbai
    Call Us
    6366-524-702

सिजेरियन डिलीवरी या सी-सेक्शन क्या होता है? । (Cesarean Delivery in Hindi)

सिजेरियन डिलीवरी बच्चे के जन्म से जुड़ी एक सर्जिकल प्रक्रिया है। जब गर्भावस्था के दौरान महिला या बच्चे में से किसी एक की जान को खतरा होता है तो डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह देते हैं। बच्चे के जन्म के लिए सर्जरी करना है या नहीं, यह पूरी तरह से डॉक्टर पर निर्भर करता है। डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करने का फैसला तब लेते हैं जब उन्हें इस बात का संदेह होता है कि नॉर्मल डिलीवरी से मां, बच्चे या दोनों की जान को खतरा हो सकता है।

सिजेरियन डिलीवरी या सी-सेक्शन का उपयोग बच्चे को जन्म देने के लिए तब किया जाता है जब योनि प्रसव सुरक्षित रूप से नहीं किया जा सकता है। सी-सेक्शन की योजना समय से पहले भी बनाई जा सकती है और इसे आपातकालीन स्थिति में भी किया जा सकती है। इसमें योनि प्रसव की तुलना में अधिक जोखिम होता है, जिससे महिलाओं को रिकवरी करने में अधिक समय लग सकता है।

सिजेरियन डिलीवरी के ऑपरेशन को सी-सेक्शन कहा जाता है। इसमें डिलीवरी के लिए महिला के पेट के बाहरी हिस्से और गर्भाशय में हल्का से कट लगाकर बच्चे को गर्भाशय से बाहर निकाल लिया जाता है। इसके बाद पेट के आंतरिक और बाहरी दोनों कट को टांकों की मदद से बंद कर दिया जाता है। यह टांके समय के साथ शरीर में घुल जाते हैं।

सिजेरियन डिलीवरी एक सामान्य प्रक्रिया है। आज के दौर में बच्चे के जन्म में इसका चलन अधिक हो गया है। आमतौर पर गर्भावस्था के 39 सप्ताह से पहले सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि गर्भ में बच्चे को विकसित होने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान कभी-कभी जटिलताएं उत्पन्न होती हैं और सिजेरियन डिलीवरी 39 सप्ताह से पहले भी करनी पड़ती है।

cost calculator

गर्भावस्था देखभाल सर्जरी की कीमत जांचे

वास्तविक कीमत जाननें के लिए जानकारी भरें

i
i
i

आपके द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित करने के लिए कृप्या ओटीपी डालें *

i

सिजेरियन डिलीवरी किन कारणों से होती है? (Cause of Cesarean Delivery in Hindi)

निम्न परिस्थितियों में सिजेरियन डिलीवरी की आवश्यकता होती है:

  • प्रीमैच्योर डिलीवरी की स्थिति में यानी की, जब शिशु सात या आठ महिने का हो।
  • महिला को स्वास्थ्य संबंधी कोई बीमारी हो, जैसे – बीपी, थायराइड, या हार्ट रोग, इत्यादि।
  • ऐसी स्थिति जिसमें मां को सक्रिय जननांग दाद है जो बच्चे में फैल सकता है।
  • प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं, जैसे प्लेसेंटा का रुक जाना या प्लेसेंटा प्रीविया।
  • गर्भनाल से जुड़ी समस्याएं होने पर।
  • अनुप्रस्थ प्रसव होने पर यानी की शिशु के कंधे पहले बाहर आ रहे हों।
  • जब पेट में बच्चे की पोजीशन सही नहीं होती है।
  • जब शिशु के गले में गर्भनाल उलझ जाती है।
  • नवजात के दिल की धड़कन असामान्य होने पर।
  • बच्चे के विकास में समस्याएं होने पर।
  • पेट में दो या दो से ज्यादा बच्चे होने पर।
  • पेट में शिशु को ऑक्सीजन की कमी होने पर।
  • आपकी पहली डिलीवरी सिजेरियन प्रक्रिया के तहत हो चुकी हो।
  • शिशु का सिर बर्थ कैनाल से बड़ा होने पर।

सिजेरियन ऑपरेशन डिलीवरी कैसे की जाती है?

सिजेरियन डिलीवरी को पूर्ण करने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती है:

पेट का चीरा: सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टर पहला कट पेट की दीवार में लगाते हैं। यह आमतौर पर प्यूबिक हेयर लाइन के पास क्षैतिज रूप से किया जाता है। या फिर डॉक्टर नाभि के ठीक नीचे से जांघ की हड्डी के ठीक ऊपर तक एक ऊर्ध्वाधर चीरा लगा सकते हैं।

गर्भाशय का चीरा: पेट में कट लगाने के बाद डॉक्टर गर्भाशय में चीरा लगाते हैं। आमतौर पर यह चीरा गर्भाशय के निचले हिस्से में क्षैतिज रूप से लगाया जाता है। इसके बाद गर्भाशय के भीतर बच्चे की स्थिति के आधार पर अन्य प्रकार के गर्भाशय चीरे का उपयोग किया जा सकता है। गर्भाशय में कोई भी चीरा लगाने से पहले डॉक्टर मां को होने वाली अन्य जटिलताओं के बारे में जरूर जांच करते हैं जैसे प्लेसेंटा प्रीविया या समय से पहले प्रसव की स्थिति, आदि।

प्रसव: इसके बाद इन दोनों कट वाले स्थान से बच्चे का जन्म कराया जाता है। डॉक्टर बच्चे के मुंह और नाक से तरल पदार्थ साफ करते हैं। इसके बाद गर्भनाल को दबाते हैं और उसे काट देते हैं। इस नाल को गर्भाशय से भी हटा दिया जाता है, और चीरों को टांके की मदद से बंद कर दिया जाता है। यह सारी प्रक्रिया लोकल एनेस्थीसिया देकर पूरी की जाती है।

सिजेरियन डिलीवरी के फायदे (Benefits of Cesarean Delivery)

सिजेरियन डिलीवरी के फायदे प्रेगनेंसी पर निर्भर करते हैं। इस सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें मां और बच्चा दोनों पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। इस सर्जरी के फायदे नीचे दिए जा रहे हैं:

  • यह प्रसव के दौरान मां-बच्चे को होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी से सुरक्षित रखती है।
  • सिजेरियन डिलीवरी ऐसे जोखिमों की संभावना खत्म हो जाती है जो आमतौर पर योनि प्रसव के दौरान बच्चे को होते हैं।
  • यदि मां को थायराइड, हृदय संबंधी बीमारी और ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसी स्थिति में सिजेरियन बेहतर विकल्प है।
  • प्रीमैच्योर डिलीवरी के लिए सिजेरियन बेहद फायदेमंद है।
  • सिजेरियन डिलीवरी कराने वाली महिलाओं को मूत्र असंयमिता जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
  • सिजेरियन डिलीवरी में पेल्विक प्रोलैप्स का खतरा कम होता है।

सर्जरी के बाद प्रिस्टीन केयर द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सेवाएँ

भोजन और जीवनशैली से जुड़े सुझाव

Post-Surgery Follow-Up

मुफ्त कैब सुविधा

24*7 सहायता

सिजेरियन डिलीवरी की जटिलताएं (Complications of Cesarean Delivery)

किसी भी सर्जरी की तरह, सी-सेक्शन में भी कुछ जोखिम शामिल होते हैं। योनि प्रसव की तुलना में सी-सेक्शन में जटिलताओं का जोखिम अधिक होता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • संक्रमण।
  • ब्लीडिंग।
  • रक्त का थक्का जो टूटकर रक्त प्रवाह (एम्बोलिज्म) में प्रवेश कर सकता है।
  • आंत्र या मूत्राशय में चोट लग सकती है।
  • सर्जरी के दौरान लगने वाले कट गर्भाशय की दीवार को कमजोर कर सकते हैं।
  • भविष्य में गर्भधारण के दौरान प्लेसेंटा में समस्या हो सकती है।
  • सी-सेक्शन से उबरना योनि प्रसव की तुलना में अधिक कठिन हो सकता है।
  • सी-सेक्शन से क्रोनिक पेल्विक दर्द होने की संभावना अधिक होती है।
  • भविष्य में गर्भधारण करने पर आपको सी-सेक्शन कराने की अधिक संभावना पैदा हो जाती है।
  • शिशु को स्तनपान कराने में परेशानी हो सकती है।
  • शिशु को सांस संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है।

सी-सेक्शन डिलीवरी रिकवरी टाइम - C-Section Recovery

सिजेरियन डिलीवरी के लिए खुद को तैयार कैसे करें?

सिजेरियन डिलीवरी डिलीवरी कराने से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सिजेरियन डिलीवरी से पहले डॉक्टर आपको पूरी प्रक्रिया के बारे में समझाएंगे। इस दौरान आपको इस प्रक्रिया के दौरान होने वाले जोखिमों के बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करें।
  • सिजेरियन डिलीवरी से पहले आपसे एक सहमति प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाएगा जो प्रक्रिया करने की आपकी अनुमति देता है। फ़ॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यदि कुछ स्पष्ट न हो तो उसके बारे में डॉक्टर से पूछें।
  • सिजेरियन डिलीवरी से 8 घंटे पहले आपको कुछ भी आहार नहीं लेना है। 
  • यदि आप कोई दवा के प्रति जैसे लेटेक्स, आयोडीन, टेप या एनेस्थीसिया के संवेदनशील हैं या एलर्जी रखती हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
  • डॉक्टर को उन सभी दवाओं (प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर), विटामिन, जड़ी-बूटियों और सप्लीमेंट्स के बारे में भी जरूर बताएं जो आप ले गर्भावस्था में ले रही हैं।
  • यदि आप रक्त पतला करने वाली दवाएं (एंटीकोआगुलंट्स), एस्पिरिन, या अन्य दवाएं ले रहे हैं जो रक्त के थक्के को प्रभावित करती हैं तो डॉक्टर प्रक्रिया से पहले इन दवाओं को बंद करने के लिए कह सकते हैं।
  • पेट में एसिड को कम करने के लिए आपको दवा दी जा सकती है। यह दवा मुंह और श्वसन मार्ग में स्राव को रोकने में भी मदद कर सकती है।
  • सी-सेक्शन के बाद आपको पहले कुछ दिन तक दर्द हो सकता है और बच्चे की देखभाल के लिए मदद की आवश्यकता हो सकती। इसके लिए अपने साथ एक पार्टनर को रखें।

प्लान और इमरजेंसी सिजेरियन डिलीवरी में क्या अंतर है?

प्रसव के कुछ मामलों में सिजेरियन डिलीवरी ऑपरेशन की तारीख पहले से तय कर दी जाती है जबकि कुछ मामलों में इमरजेंसी में ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। यदि आपको पहले से पता हो कि आपका सिजेरियन ऑपरेशन होने वाला है, तो इसे ‘पूर्व-नियोजित’ यानी प्लान सिजेरियन कहा जाता है। इसे आमतौर पर गर्भावस्था के पूर्ण अवधि पर पहुंचने और प्रसव शुरु होने के ठीक पहले किया जाता है। यह सामान्य तौर पर यह 37 से 39 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच होता है।

यदि आपको पहले से पता नहीं था और अचानक से स्थिति को देखते हुए सिजेरियन ऑपरेशन का निर्णय लिया जाता है, तो इसे गैर-नियोजित या इमरजेंसी सिजेरियन कहा जाता है। अधिकांश इमरजेंसी सिजेरियन तब किए जाते हैं जब प्रसव शुरु हो चुका होता है और मां या गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा होता है। इसके अलावा कोई अन्य जटिलता होने पर और कभी-कभार अचानक जटिलताएं उत्पन्न होने की स्थिति में आपातकाल सिजेरियन ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार की आपात स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम चरण में यानी की 28 सप्ताह के बाद निर्मित होती है।

सिजेरियन सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए?

डिलीवरी के बाद हर मां के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल शीघ्र स्वस्थ होने में मदद करता है, बल्कि साथ ही स्तनपान के दौरान शिशु को सही पोषक तत्व भी प्रदान करता है। आहार ऐसे खाद्य पदार्थों का मिश्रण होना चाहिए जो सही मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हों। नीचे उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जिन्हें आपको सी-सेक्शन के बाद खाना चाहिए।

प्रोटीन: प्रोटीन युक्त आहार का सेवन सी-सेक्शन के बाद टिश्यू को ठीक करने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रोटीन का सेवन अधिक करना चाहिए। यह बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अंडा, चिकन, मछली, मांस, दूध, पनीर, सूखी फलियां, मटर और मेवे प्रोटीन के बेहतर स्रोत हैं।

आयरन: प्रसव के दौरान बहुत अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होती है। इससे अधिकांश महिलाओं में आयरन की कमी या एनीमिया हो जाता है। शरीर को क्रियाशील बनाए रखने और पूरी तरह से स्वस्थ और सक्रिय रहने के लिए शरीर में आयरन के स्तर को सामान्य बनाए रखना जरूरी है। आयरन की कमी के लक्षणों में कमजोरी, चक्कर आना, बेहोशी और धुंधली दृष्टि शामिल हैं। इसलिए, सिजेरियन डिलीवरी के बाद अपने आहार में आयरन को शामिल करना चाहिए। अखरोट, सूखे मेवे, अंजीर, बीफ लीवर, लाल मांस, सीप और सूखे बीन्स में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है।

कैल्शियम: यह एक पोषक तत्व है जो, मांसपेशियों को आराम देने, दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार, रक्त के थक्के को नियंत्रित करने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। प्रसव के बाद सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन की सलाह दी जाती है। हालांकि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने आहार में कैल्शियम युक्त चीजों को शामिल करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। दूध, पनीर, दही, पालक, केल और टोफू कैल्शियम के स्रोत हैं।

विटामिन: विटामिन हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। ये शरीर की कोलेजन का उत्पादन करने की क्षमता को बढ़ाते हैं, जो नई त्वचा, टेंडन और टिश्यू के विकास को बढ़ावा देता है। घाव वाली जगह को तेजी से ठीक करने के लिए विटामिन फायदेमंद होते हैं। 

फाइबर: कब्ज से बचने के लिए पोषण युक्त आहार का सेवन करते समय अपनी डाइट में हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें। कब्ज के कारण घावों पर दबाव बढ़ सकता है इससे सिजेरियन डिलीवरी से रिकवरी होने में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। केले, संतरे, सेब, आम, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, बीन्स, फलियां, मेवे और सूखे मेवे में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है।

तरल पदार्थ और पानी: शीघ्र स्वस्थ होने के लिए, अपने शरीर को पानी और अन्य तरल पदार्थों से हाइड्रेट रखें। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने से दूध उत्पादन में मदद मिल सकती है और मल त्याग में आसानी हो सकती है।

सिजेरियन डिलीवरी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सिजेरियन डिलीवरी के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

सिजेरियन डिलीवरी के बाद सर्जिकल एरिया यानी की जहां पर कट या चीरा लगाया गया है वहां दर्द हो सकता है। हालांकि यह दर्द उपचार के जरिए समय के साथ ठीक हो जाता है। आमतौर पर सिजेरियन टांके चार से सात दिन में अपने आप ही शरीर में घुल जाते हैं। लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में उन्हें एक महीने तक का समय लग सकता है।

सिजेरियन डिलीवरी कितनी बार हो सकती है?

माना जाता है कि यदि किसी महिला की पहली डिलीवरी सिजेरियन होती है तो बाकी डिलीवरी भी सिजेरियन ही होगी। डॉक्टर की मानें तो सिर्फ तीन सिजेरियन डिलीवरी को ही सुरक्षित माना जाता है।

सी सेक्शन डिलीवरी रिकवरी टाइम

किसी भी हॉस्पिटल में बच्चे के जन्म के लिए सर्जरी करना है या नहीं, यह कई मामलों में या पूरी तरह से डॉक्टर के उपर निर्भर करता है। मतलब सामान्य तौर पर डॉक्टर सिजेरियन डिलेवरी करने की सलाह तब देते हैं जब उन्हें पता चल जाता है कि नॉर्मल डिलीवरी से मां या बच्चे या दोनों के जान को खतरा हो सकता है। सिजेरियन डिलेवरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने 4 से 6 हफ्ते तक का समय लग सकता है|

क्या सिजेरियन डिलीवरी के बाद सेक्स कर सकते हैं?

सिजेरियन डिलीवरी के तुरंत बाद संबंध नहीं बनाना चाहिए। इससे टांके टूटने का खतरा होता है और महिला पार्टनर के शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

क्या सिजेरियन डिलीवरी के बाद योनि से खून बहता है?

सिजेरियन डिलीवरी के बाद गर्भाशय पहले की तरह होने के लिए सिकुड़ना शुरू करता है ऐसे में इस स्थिति में ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। सिजेरियन के 6 सप्ताह तक ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है।

green tick with shield icon
Content Reviewed By
doctor image
Dr. Nikita Trehan
25 Years Experience Overall
Last Updated : October 16, 2024

हमारे मरीजों की प्रतिक्रिया

  • PB

    Pushpa Bansal

    5/5

    .Pristyn Care's pregnancy care team was compassionate and attentive. They made sure I felt safe and reassured at every step of my pregnancy..

    City : DELHI
  • NK

    Neeroo Kadam

    5/5

    Pristyn Care's pregnancy care was wonderful and helpled me remain at so much ease! They provided comprehensive support throughout my pregnancy, from regular check-ups to helpful advice. Highly recommend their services..

    City : DELHI
  • SP

    Samanata Parekh

    5/5

    Pristyn Care's pregnancy care instilled confidence in me and provided exceptional comfort. Their experienced team guided me through the process, making it an enjoyable experience.

    City : PUNE
  • TM

    Tanisha Mishra

    5/5

    Pristyn Care became our partner in parenthood, guiding us through every step of the pregnancy journey. Their expertise and genuine care made the experience memorable.

    City : PUNE
  • MP

    Marutanjali Patnaik

    5/5

    .Choosing Pristyn Care for my pregnancy care was the best decision. The staff was friendly, and the doctors made me feel comfortable and well-informed..

    City : DELHI
  • IS

    Ishika Sardana

    5/5

    As a first-time mother, I had many concerns and anxieties about my pregnancy journey. Thankfully, I found Pristyn Care, and they became my pillar of support throughout the entire pregnancy. From the very first appointment, their team displayed genuine care and concern for my well-being. The doctors patiently addressed all my questions and fears, providing valuable guidance at every stage. Pristyn Care's personalized approach to pregnancy care made me feel special and valued as a patient. They made sure I was well-prepared for labor and delivery, making the entire process smoother and less stressful.

    City : CHENNAI
    Doctor : Dr. Sujatha